पुराण विषय अनुक्रमणिका(अ-अनन्त) Purana Subject Index

Anu - Atiraatra

Puraanic contexts of words like Anu/molecule, Atithi/guest, Atiraatra etc. are described on this page.

Comments on Atiratra

अणु ब्रह्माण्ड ३.४.२.११७( परमाणु से आरम्भ करके स्थूलता के परिमाणों का वर्णन ), भागवत ३.११.५( परमाणु, अणु, त्रसरेणु के आपेक्षिक परिमाणों का कथन ), लिङ्ग १.८८.२७( अणु से आगे सूक्ष्मतर स्थितियों के नाम ), स्कन्द १.१.६.४( पुराणों के सार्वत्रिक श्लोक अणोरणीयान् महतोमहीयान् इत्यादि का उल्लेख ), योगवासिष्ठ ३.७.९.२( चिदणु के सम्बन्ध में कर्कटी का राजा से प्रश्न ), ६.२.१४+ ( अहंकार समाप्त होने पर जगत का परमाणुवत् भासित होना ) anu

Remarks on Anu 

अणुह देवीभागवत १.१९.४२( अणुह का शुक - पुत्री कीर्ति से विवाह ), भागवत ९.२१.२४( नीप नाम, कृत्वी - पति ), मत्स्य २१.११( अणुह द्वारा पुत्र प्राप्ति हेतु तप, ब्रह्मदत्त पुत्र की प्राप्ति ), ४९.५७( विभ्राज - पुत्र, कृत्वी - पति, ब्रह्मदत्त - पिता ), हरिवंश १.१८.५३( अणुह का शुक - पुत्री कीर्ति से विवाह ) anuha 

अण्ड अग्नि १७.७(आपः में वीर्य के सृजन से हिरण्यवर्ण अण्ड की उत्पत्ति का कथन), १४५.२८(ब व भ अक्षरों के रुद्रों के रूप में गलण्ड व द्विरण्ड का उल्लेख), २९३.४५(ब तथा भ वर्णों के रुद्रों के रूप में छगलण्ड व द्विरण्ड का उल्लेख), कूर्म १.४.३९( हिरण्यगर्भ रूपी अण्ड ), १.५०.२६( पर अव्यक्त महेश्वर से अव्यक्त अण्ड की तथा अण्ड से ब्रह्मा की उत्पत्ति का कथन ), नारद १.६६.१०६(ब तथा भ अक्षरों के रुद्रों के रूप में छलगण्ड व द्विरण्ड का उल्लेख),  ब्रह्मवैवर्त्त २.२.५०+ ( कृष्ण वीर्य से ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति ), ब्रह्माण्ड १.२.२१.२०( द्यावापृथिवी रूप अण्डकपाल के अन्दर लोकों की स्थिति का कथन ), १.२.२२.४६( अण्डकपाल : मेघों का रूप ), २.३.७.२९०( इरावती द्वारा अण्डकपाल धारण से ४ दिग्गजों की उत्पत्ति ), ३.४.२.२२४( परम अण्ड की व्योम में स्थिति ), भविष्य १.२.२१( ध्यान में अण्ड के द्वैधा विभाजन से ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति ), १.४७.२( सूर्य/मार्तण्ड का संज्ञा से विवाह, यम - यमी आदि सन्तान उत्पत्ति से लेकर तक्षा द्वारा तेज कर्तन तक सारे कार्य अण्डस्थ स्थिति में ), ४.२.१६( अण्ड के छिन्न होने पर अण्ड अवयवों से ब्रह्माण्ड के विभिन्न अवयवों की उत्पत्ति ), भागवत ३.२०( अण्ड की उत्पत्ति, भगवान् का अण्ड में प्रवेश, सृष्टि का आरम्भ ), ३.२६.५२( विशेष नामक अण्ड की महिमा का वर्णन : अण्ड के ६ आवरण तथा विराट द्वारा अण्ड में छिद्र करना आदि ), ११.२४.९( सात्विक आदि अहंकार के उत्पन्न होने के पश्चात् प्रकट हुए इन्द्रियों व उनके अधिष्ठातृ देवों के मिलन/संहतिकरण से अण्ड के उत्पन्न होने तथा उसमें नारायण के प्रवेश का कथन ), मत्स्य २.२९( बीज रूप अण्ड से ब्रह्माण्ड का प्राकट्य ), २४८.१८( वही), लिङ्ग १.२०.८०( अण्डकपाल : द्यौ व पृथिवी की उत्पत्ति ), वायु ४.८०( हिरण्यगर्भ रूपी अण्ड ), विष्णु १.२.५४( भूतों के संघात से अण्ड की उत्पत्ति, विष्णु का अण्ड में विराजमान होना ), शिव २.१.१५( चतुर्विंशात्मक अण्ड की चैतन्यता हेतु ब्रह्मा द्वारा तप, विराट विष्णु का अण्ड में प्रवेश ), स्कन्द १.२.५.८३(विसर्ग की अण्डज संज्ञा), ५.१.२.६( महाकाल द्वारा हस्त मन्थन से अण्ड की उत्पत्ति ), हरिवंश ३.३४.१( प्रभ द्वारा जगत रूपी अण्ड में आठ छिद्र करने पर आठ दिशाओं के प्रकट होने तथा अण्ड रस से सुवर्ण के प्रकट होने का वर्णन ), महाभारत वन ३१३.६२( अण्ड के उत्पन्न होने पर भी चेष्टारहित होने का उल्लेख : यक्ष - युधिष्ठिर संवाद ), लक्ष्मीनारायण २.१२.२४( दमन असुर के प्रचण्ड, कूष्माण्ड आदि अण्ड प्रत्यय वाले सेनानी ), २.१४०( अण्डों की संख्याओं के अनुसार प्रासादों के नाम ), २.२२०( आण्डजरा राजा द्वारा अन्त:प्राक् नगरी में कृष्ण का स्वागत ), ३.३१.१( अण्डज वत्सर में अजहारित ऋषि द्वारा राजा को शाप से अश्व बनाना, अश्वमेध से राजा की अश्व योनि से मुक्ति का वृत्तान्त ), कथासरित् १.२.१५( शिव द्वारा ऊरु में रक्त बिन्दु निपात से अण्ड की उत्पत्ति, अण्ड से पुरुष व सृष्टि की उत्पत्ति, रोदसी का रूप ) द्र. कूष्माण्ड, ब्रह्माण्ड, मुद्राण्ड, विभाण्डक, वैभाण्डकि anda

Remarks on Anda 

अति- शिव ५.३०.१५( अतिमन्यु : चाक्षुष मनु व नड्वला के १० पुत्रों में से एक? ), ५.३४.६४( अतिवाह्य : १४वें मन्वन्तर में सप्तर्षियों में से एक ), ५.३४.६८( अतिमानी : १४वें मन्वन्तर में मनु के पुत्रों में से एक ), स्कन्द ३.३.११.२६(वर्जनीय व ग्रहणीय अतियों का कथन)

अतिकाय वा.रामायण ६.५९.१६( रावण - सेनानी अतिकाय का स्वरूप ), ६.७१( रावण व धन्यमालिनी - पुत्र, राहु चिह्न से युक्त ध्वज, लक्ष्मण द्वारा वध ) atikaaya 

अतिथि पद्म ७.२५( अतिथि सेवा का माहात्म्य : लोमश द्वारा अनपत्य पति व पवित्र नामक ब्राह्मणों को ज्ञानभद्र योगी की अतिथि सेवा के दृष्टान्त का कथन, पवित्र द्वारा मूषक की हत्या ), ब्रह्माण्ड १.२.३६.६९( षष्ठम चाक्षुष मन्वन्तर में आद्य नामक देवगण के अन्तर्गत एक देव ), २.३.१५.८( श्राद्ध में अतिथि सेवा की महिमा ), भविष्य १.११८( अतिथि का माहात्म्य ), १.१८४.८( वैश्वदेव कर्म के संदर्भ में अतिथि की परिभाषा ), भागवत ६.७.३०( अतिथि धर्म की व अभ्यागत अग्नि की मूर्ति होने का उल्लेख ), ९.१२.१( कुश - पुत्र, निषध - पिता ), ९.२१( रन्तिदेव के आतिथ्य की पराकाष्ठा ), लिङ्ग १.२९( अतिथि सेवा का महत्त्व, सुदर्शन विप्र द्वारा अतिथि को भार्या का समर्पण ), वायु ७९.१३( अतिथि की महिमा ), विष्णु ३.११.५८( अतिथि की महिमा ), विष्णुधर्मोत्तर ३.२८९( हंस - प्रोक्त अतिथि पूजा की महिमा ), शिव ५.१२.१९( वृक्षों द्वारा अपनी छाया से अतिथि पूजा करने का उल्लेख ), ५.३९.१९( कुश - पुत्र, राम - पौत्र, निषध - पिता ), स्कन्द २.४.३२.५४( अयोध्या में अतिथि नामक नृप द्वारा भीष्मपञ्चक व्रत का पालन ), ४.१.३८.३२( अतिथि आगमन काल व अतिथि की महिमा ), ५.३.२११.१५( अतिथि की कुरूपता पर ध्यान न देने का निर्देश ), ६.१८४( बौद्ध - पुत्र अतिथि का ब्रह्मा के यज्ञ में आगमन, पिङ्गला आदि गुरुओं से शिक्षा का कथन ; तुलनीय : भागवत में अवधूत व यदु का संवाद ), ६.१८५( ब्रह्मा के यज्ञ में आए अतिथि द्वारा स्थापित अतिथि तीर्थ की उत्पत्ति व माहात्म्य ), ६.१८६( अतिथि का माहात्म्य, अतिथि के तीन प्रकार ), महाभारत वन ३१३.६५( अग्नि के सब भूतों में अतिथि होने का उल्लेख : यक्ष - युधिष्ठिर संवाद ), शान्ति २२१.१४( अतिथि को भोजन देने का माहात्म्य ), २९२.६( अतिथि सेवा का माहात्म्य ), २५३+ ( अतिथि द्वारा ब्राह्मण को स्वर्ग के विभिन्न मार्गों का कथन, अतिथि द्वारा नागराज पद्मनाभ के सदाचार व सद्गुणों का वर्णन और ब्राह्मण को उसके पास जाने की प्रेरणा देना ), अनुशासन २.४२( अग्नि - पुत्र सुदर्शन द्वारा अतिथि सत्कार रूपी धर्म के पालन से मृत्यु पर विजय पाने का वृत्तान्त, सुदर्शन-पत्नी ओघवती व मृत्यु का आख्यान), आश्वमेधिक ९२ दाक्षिणात्य पृष्ठ ६३२९( अतिथि सेवा का माहात्म्य ), लक्ष्मीनारायण १.४४२.२९( सुयज्ञ राजा द्वारा अतिथि सुतपा ऋषि का अनादर, शाप प्राप्ति, अतिथि की महिमा का कथन ), १.५१०.४२( कृष्ण नारायण रूपी अतिथि द्वारा कुररी आदि से शिक्षा ग्रहण की कथा ; तुलनीय : अवधूत - यदु संवाद ), २.२४६.२९( अतिथि : इन्द्रलोक का स्वामी ), ३.४१.९०( अतिथि : आग्नेय पितरों का रूप ) atithi

Remarks on Atithi 

अतिनामा मत्स्य ९.२३( षष्ठम चाक्षुष मन्वन्तर में सप्तर्षियों में से एक ) 

अतिबल कथासरित् ८.७.२५( सूर्यप्रभ व श्रुतशर्मा विद्याधरी के युद्ध के प्रसंग में सर्वदमन द्वारा अतिबल का वध )

अतिबला मत्स्य १७९.१२( अन्धकासुर के रक्त के पान के लिए शिव द्वारा सृष्ट मातृकाओं में से एक ), वा.रामायण १.२२.१३( विश्वामित्र द्वारा राम को भूख - प्यास का शमन करने वाली अतिबला विद्या प्रदान करना ) atibalaa

अतिरात्र पद्म ३.२४.९( प्रभास तीर्थ में स्नान से अतिरात्र फल की प्राप्ति ), ३.२६.१०( पारिप्लव तीर्थ में गमन से अतिरात्र फल की प्राप्ति ), ३.२७.४२( सरस्वती - अरुणा सङ्गम में स्नान से अतिरात्र फल की प्राप्ति ), ३.३२.१५( कार्तिक - माघ तीर्थ में आगमन से अतिरात्र फल की प्राप्ति ), ब्रह्माण्ड २.३.५.४( कश्यप के अश्वमेध में अतिरात्र में सौत्य अह में हिरण्यकशिपु का जन्म ), भागवत ४.१३.१५( चाक्षुष मनु व नड्वला - पुत्र ), मत्स्य ४.४२( चाक्षुष मनु व नड्वला - पुत्र, ध्रुव वंश ), ४४.६५( दर दुन्दुभि के पुत्रेष्टि/अश्वमेध यज्ञ में अतिरात्र में पुनर्वसु पुत्र का प्राकट्य ), मार्कण्डेय ७०.४( बलाक राक्षस द्वारा अपहृत ब्राह्मणी के पिता का नाम ), वायु ९.५१( ब्रह्मा के पश्चिम दिशा के मुख से सृष्ट यज्ञ ), ६७.५०( कश्यप के अश्वमेध में अतिरात्र में सौत्य अह में हिरण्यकशिपु का जन्म ), विष्णुधर्मोत्तर १.१५९.६( फाल्गुन मास में गोविन्द की पूजा से अतिरात्र फल की प्राप्ति का उल्लेख ), ३.३४१.२८७( श्रीहरि को धूप निवेदन से अतिरात्र फल की प्राप्ति का उल्लेख ), शिव ५.१२.१५( वसन्त व ग्रीष्म ऋतु में तडाग में जल एकत्र करने पर अतिरात्र व अश्वमेध फल प्राप्ति का उल्लेख ), स्कन्द ५.३.१२७.३( अग्नि तीर्थ में कन्या दान से अतिरात्र से अधिक फल प्राप्ति का कथन ), ७.१.२०( कश्यप के अश्वमेध में अतिरात्र में सौत्य अह में हिरण्यकशिपु का जन्म ), महाभारत उद्योग १४१.४३( समर रूपी यज्ञ में घटोत्कच द्वारा रात्रि में युद्ध की अतिरात्र में शामित्र कर्म से तुलना ), अनुशासन १०६.४०( एक वर्ष तक एकाहार व्रत करने से अतिरात्र फल की प्राप्ति का उल्लेख ), १०७.१७( एक वर्ष तक तीसरे दिन एक समय भोजन व नित्य अग्नि कार्य करने पर अतिरात्र यज्ञ के फल की प्राप्ति का उल्लेख ), लक्ष्मीनारायण २.१५७.३२( अङ्गन्यास में अतिरात्र का अण्डों/वृषणों में न्यास ) atiraatra /atiratra

This website was created for free with Own-Free-Website.com. Would you also like to have your own website?
Sign up for free